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लेखनी प्रतियोगिता -29-Dec-2023 "बहुत याद आता है बीता ज़माना"

बहुत याद आता है बीता ज़माना "

वो बातें वो खुरापाते और वो बचपन की शरारतें। 

रह गया वो सभी पीछे बन कर गुजरा हुआ ज़माना।। 


वो एक ही थाली में मिल बैठकर भाई- बहनों के साथ खाना। 

बहुत याद आता है वो बचपन का सुनहरा ज़माना।। 


 बीचों बीच में कहना मेरी सब्जी पे तू हाथ ना लगाना। 

अब बहुत जोरों से रुलाता है बीती नादानियों का ज़माना।। 


एक ही चारपाई पर लिपटकर हातापाई कर के सोना। 

कितना खूबसूरत था हर लम्हें का लुफ़्त उठाता वो ज़माना।। 


वो नानी वो दादी रातों को किस्से-कहानी सुनाती। 

बन कर रह गया वो बीते सपनों का हसीन ज़माना।। 


वो तारों से भरे आकाश के नीचे सुनते थे गीतमाला पुरानी। 

याद आता बहुत वो रेडियो पर अमीन सयानी का ज़माना।। 

मधु गुप्ता "अपराजिता"

स्वरचित रचना ✍️✍️


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5 Comments

Milind salve

08-Jan-2024 07:51 AM

V nice

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Gunjan Kamal

31-Dec-2023 11:14 AM

👏👌

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Reyaan

30-Dec-2023 11:25 AM

Nyc

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